RCB:जीत का जश्न या मातम का माहौल

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By Payal Choudhary

RCB की ऐतिहासिक जीत के बाद बेंगलुरु भगदड़ में 11 की मौत: आरसीबी की जीत का जश्न मातम में बदला, प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप
चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मचा कोहराम, फ्री पास की अफवाह और भारी भीड़ बनी वजह
बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) की ऐतिहासिक जीत के जश्न के दौरान बुधवार को हुई भगदड़ ने खुशी को मातम में बदल दिया। फ्री पास की अफवाह और प्रशासन की लापरवाही के चलते मची इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 50 से अधिक घायल हो गए। भीड़ इतनी अधिक थी कि कुछ ही मिनटों में स्थिति बेकाबू हो गई और चीख-पुकार मच गई।

विक्टरी परेड रद्द, फिर भी भीड़ उमड़ी

हैरानी की बात यह रही कि प्रशासन ने विक्टरी परेड को पहले ही हाई-रिस्क बताते हुए रद्द कर दिया था, लेकिन आरसीबी की ओर से सोशल मीडिया पर विजय जुलूस का प्रमोशन जारी रहा। इसी बीच यह अफवाह फैल गई कि स्टेडियम में फ्री पास बांटे जा रहे हैं, जिसके बाद लाखों की संख्या में लोग स्टेडियम के बाहर जमा हो गए।

पुलिस ने दी थी चेतावनी, फिर भी हुआ आयोजन

बेंगलुरु पुलिस ने आयोजन को लेकर पहले ही चेतावनी दी थी कि यह हाई-रिस्क है और भारी भीड़ जुटने की संभावना है। बावजूद इसके, कार्यक्रम को रद्द नहीं किया गया और भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम भी नहीं किए गए। न ही पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया और न ही कोई इमरजेंसी प्लान तैयार था।

भीड़ ने तोड़े बैरिकेड्स, भगदड़ में मच गया हाहाकार

प्रशासन द्वारा बनाए गए बैरिकेड्स को भीड़ ने चंद मिनटों में तोड़ दिया। कई लोग स्टेडियम में जबरदस्ती घुसने की कोशिश करने लगे। भगदड़ मचते ही बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग दबकर गिरने लगे। अस्पतालों में घायलों का इलाज जारी है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

सरकार ने घोषित किया मुआवजा, पर जवाबदेही पर सवाल

कर्नाटक सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख और घायलों को ₹2 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है। लेकिन सवाल अब भी खड़े हैं:

  • जब प्रशासन को कार्यक्रम के खतरे का अंदेशा था, तो परमिशन क्यों दी गई?
  • आयोजकों ने भीड़ नियंत्रण के लिए क्या योजना बनाई थी?
  • क्या सोशल मीडिया प्रमोशन के जरिए भीड़ को उकसाया गया?

नेताओं और सोशल मीडिया पर उठे सवाल

इस हादसे के बाद विपक्ष और सोशल मीडिया पर भी सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है। लोगों का कहना है कि “जीत का जश्न मनाना गलत नहीं था, लेकिन बिना योजना और सुरक्षा व्यवस्था के ऐसे आयोजन की इजाजत देना एक गंभीर लापरवाही है।”

RCB और आयोजकों की चुप्पी पर भी उठ रहे सवाल

अब तक आरसीबी की ओर से किसी तरह का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। आयोजकों की चुप्पी भी आलोचना का विषय बन रही है। कई लोग मांग कर रहे हैं कि आयोजकों और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।

अंत में सवाल वही – क्या इन 11 मौतों की कोई जवाबदेही तय होगी?

हर हादसे के बाद मुआवजा और अफसोस की बातें होती हैं, लेकिन जवाबदेही तय नहीं होती। बेंगलुरु भगदड़ में मारे गए 11 लोगों की मौत सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक बड़ी प्रशासनिक चूक का नतीजा है। यह जरूरी है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सजा मिले।

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