TNPL 2025 का रोमांचक पांचवां मुकाबला 8 जून को डिंडीगुल ड्रेगन्स और आईड्रीम तिरुप्पुर तमिझंस के बीच खेला गया। यह मैच जितना प्रदर्शन के लिहाज़ से चर्चा में रहा, उतना ही विवादों के कारण भी सुर्खियों में आ गया। मैच के दौरान डिंडीगुल ड्रेगन्स के कप्तान रविचंद्रन अश्विन (R Ashwin) आउट होने के बाद आपा खो बैठे और गुस्से में महिला अंपायर से बहस करते दिखे।

यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है और क्रिकेट प्रेमियों के बीच काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। कई फैंस ने अश्विन के व्यवहार की आलोचना की है, तो कुछ ने इसे मैच की तीव्रता से जोड़ते हुए स्वाभाविक बताया है।
डिंडीगुल की बड़ी हार, तिरुप्पुर की शानदार जीत
साई किशोर की कप्तानी वाली आईड्रीम तिरुप्पुर तमिझंस की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया और यह फैसला पूरी तरह से सही साबित हुआ। डिंडीगुल ड्रेगन्स की पूरी टीम सिर्फ 93 रन पर सिमट गई और 20 ओवर भी नहीं खेल पाई।

टीम के कप्तान आर अश्विन से बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह सिर्फ 18 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। आउट होने के बाद अश्विन का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सीधे मैदान पर मौजूद महिला अंपायर से बहस शुरू कर दी। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और अब हर तरफ यही वीडियो वायरल हो रहा है।
क्या था विवाद का कारण?
अश्विन जिस गेंद पर आउट हुए, उसे लेकर उन्होंने साफ तौर पर असहमति जताई। उन्हें लगा कि गेंद पर अपील गलत थी, लेकिन अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया। इसके बाद वह अपना आपा खो बैठे और महिला अंपायर के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कुछ कहने लगे। हालांकि अंपायर ने पूरी शांति के साथ स्थिति को संभालने की कोशिश की।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
मैच के दौरान हुई यह पूरी घटना अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अश्विन आउट होने के बाद किस तरह नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। कुछ यूज़र्स ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताया है तो कुछ ने कहा कि यह दबाव में खेलते खिलाड़ी की स्वाभाविक प्रतिक्रिया हो सकती है।
सीएसके के खराब प्रदर्शन के बाद TNPL में लौटे अश्विन
गौरतलब है कि आईपीएल 2025 में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, और अश्विन भी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाए। TNPL में वापसी के बाद उनसे उम्मीद थी कि वह बेहतर खेल दिखाएंगे। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर अश्विन को गलत कारणों से सुर्खियों में ला दिया है।
क्या होगी BCCI की प्रतिक्रिया?
मैदान पर अंपायर से बहस करना बीसीसीआई की आचार संहिता के तहत एक गंभीर मामला माना जाता है। ऐसे में देखना होगा कि इस पर बोर्ड की ओर से कोई आधिकारिक कार्रवाई की जाती है या नहीं।
निष्कर्ष:
क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि अनुशासन और मर्यादा का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसे में सीनियर खिलाड़ी से इस तरह का व्यवहार निराशाजनक कहा जाएगा। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि अश्विन या उनकी टीम इस पर क्या सफाई देती है और आगे बीसीसीआई क्या कदम उठाता है।