Air india crash: जब चमत्कार ने विश्वास को ज़िंदा बचा लिया — मलबे में से निकली एक उम्मीद की कहानी

Photo of author

By Diti Tiwari

Air india crash,भारत के विमानन इतिहास की सबसे भीषण त्रासदियों में से एक, एयर इंडिया की लंदन जाने वाली उड़ान का भयानक हादसा, न सिर्फ देश को झकझोर गया, बल्कि सैकड़ों परिवारों को अपूरणीय क्षति दे गया। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में हुए इस हादसे में 265 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिनमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे। लेकिन इस भयंकर मंजर के बीच एक कहानी ऐसी भी थी, जिसने इंसानी जिजीविषा और चमत्कार पर फिर से विश्वास जगा दिया—यह कहानी है विश्वास कुमार रमेश की।

लीसेस्टर (यूके) के रहने वाले 40 वर्षीय व्यवसायी विश्वास कुमार रमेश इस दुर्घटना के एकमात्र जीवित बचे यात्री हैं। जब चारों ओर चीख-पुकार, धुआं, आग और मलबा फैला था, तब रमेश ने न केवल होश बनाए रखा, बल्कि तेज़ निर्णय लेकर अपनी जान भी बचाई। वे उस दुर्भाग्यपूर्ण बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के बाईं ओर IIA सीट पर बैठे थे, और संयोग से विमान का वही हिस्सा हादसे के बाद कॉलेज परिसर की दो इमारतों के बीच की संकरी खाई में गिरी ढीली मिट्टी पर जा गिरा।

डीडी न्यूज़ से बात करते हुए रमेश ने बताया, “जब मैंने देखा कि विमान का दरवाज़ा टूटा हुआ है, तो मैंने खुद से कहा, ‘अब या कभी नहीं।’ मैंने अपनी सीट बेल्ट खोली और उस टूटे हुए रास्ते से बाहर निकल आया।” दुर्घटना के तुरंत बाद किसी स्थानीय निवासी ने जो वीडियो बनाया, उसमें रमेश को घायल अवस्था में एम्बुलेंस की ओर बढ़ते देखा जा सकता है। उनकी बाईं बांह आग से झुलस गई थी, लेकिन उनका जीवन बच गया।

उनका मानना है कि हादसे के समय वे जिस स्थान पर गिरे, वह एक सुरक्षित गैप था, और इसीलिए वे बचे, जबकि बाकी हिस्से कंक्रीट की दीवारों से टकराकर मलबे में तब्दील हो गए। यह संयोग, सतर्कता और साहस का अद्भुत संगम था। उन्होंने कहा, “मुझे अब भी विश्वास नहीं होता कि मैं ज़िंदा हूँ। मैंने लोगों को अपनी आंखों के सामने मरते देखा, मेरा भाई भी उन्हीं में था। लेकिन मुझे शायद किसी विशेष कारण के लिए बचाया गया है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में उनका हाल जाना और उनके मृत भाई के अंतिम संस्कार के लिए उन्हें विशेष अनुमति भी दी गई। Air India crash

यह घटना, Aur india crash,न सिर्फ त्रासदी है, बल्कि उस एक जिंदा बचे इंसान की गाथा भी है, जिसने मौत के मुंह से निकलकर हमें यह सिखाया कि चमत्कार कभी भी हो सकते हैं—जरूरत है तो साहस, विवेक और भाग्य की एक साथ उपस्थिति की।

watch it out

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.