SHIBU SOREN: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, लंबी बीमारी के बाद ली अंतिम सांस

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By Puspraj Singh

SHIBU SOREN: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन हो गया. वह 81 साल के थे. लंबी बीमारी के बाद उन्होने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अन्तिम सांस ली. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन की पुष्टि

नहीं रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री SHIBU SOREN

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन हो गया. वह 81 साल के थे. लंबी बीमारी के बाद उन्होने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में अन्तिम सांस ली.अस्पताल ने एक बयान जारी करके बताया कि शिबू सोरेन लंबे समय से किडनी की समस्या से जूझ रहे थे. डेढ़ महीने पहले उन्हे एक स्ट्रोक भी आया था. एक महीने से वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे. सोमवार को सुबह लगभग 8: 56 मिनट पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया.

हेमंत सोरेन ने की उनके निधन की पुष्टि

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन की पुष्टि करते हुये सोशल मीडिया X  पर लिखा कि आदरणीय दिशोम गुरूजी हम सब को छोड़कर चले गये हैं. आज मै शून्य हो गया हूं.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन की पुष्टि

गुरुजी को झारखंड आंदोलन का जनक माना जाता

शिबू सोरेन ने 4 फरवरी 1973 को बिनोद बिहारी महतो और एके राय के साथ मिलकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की थी. जिसने अलग झारखंड राज्य के आंदोलन को गति दी. (JMM) और आजसू के आंदोलन के परिणामस्वरूप 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य का गठन हुआ. उनके समर्थक प्यार से ‘गुरुजी’ कहते थे. उनकी सादगी और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें झारखंड की राजनीति में एक विशेष स्थान दिलाया. गुरुजी को झारखंड आंदोलन का जनक माना जाता है.

बिहार के हजारीबाग जिले में हुआ था जन्म

शिबू सोरेन को झारखंड में लोग प्यार से गुरूजी कहते थे. उनका जन्म 1944 में  बिहार के हजारीबाग जिले के नामरा गाँव में हुआ था. 1970 के दशक में उन्होने अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. साल 1977 में शिबू सोरेन ने पहला चुनाव लड़ा लेकिन हार गये.

राजनीतिक करियर SHIBU SOREN

शिबू पहली बार 1980 में लोकसभा के लिये चुने गये. इसके बाद 1989,1991,1996 में भी लोकसभा का चुनाव जीते. 2002 में उन्हें राज्यसभा के लिये चुना गया. 2004 में फिर से जीतने के बाद उन्हे मनमोहन सरकार में केन्द्रीय कोयला मंत्री बनाया गया.अलग झारखंड राज्य की मांग के लिए शिबू सोरेन ने कई आन्दोलन चलाये. इसके लिये उन्होने झारखंड मुक्ति मोर्चा नाम से राजनीतिक पार्टी की शुरुआत की.

तीन बार मुख्यमंत्री बने लेकिन एक भी बार कार्यकाल पूरा नहीं कर सके

शिबू सोरेन 2005 के विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने. लेकिन बहुमत न होने के कारण सिर्फ 10 दिन में ही उन्हे इस्तीफा देना पड़ा. अगस्त 2008 में शिबू सोरेन एक बार फिर मुख्यमंत्री बने, इस बार भी उनकी सरकार सिर्फ 145 दिन ही चल सकी. शिबू सोरेन दिसंबर 2009 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने लेकिन जून में यह सरकार भी गिर गई. शिबू सोरेन तीन बार मुख्यमंत्री बने लेकिन एक भी बार कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.

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