जश्न-ए-रेख्ता 2025: उर्दू भाषा का सबसे बड़ा महोत्सव फिर सजने को तैयार

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By Santulan News

जश्न-ए-रेख्ता 2025, उर्दू भाषा और साहित्य का सबसे प्रतिष्ठित महोत्सव जश्न-ए-रेख्ता एक बार फिर भव्य रूप में आयोजित होने जा रहा है। 2025 का यह संस्करण विशेष है, क्योंकि इस वर्ष यह उत्सव अपने 10वें (दशकीय) वर्ष का जश्न मना रहा है। तीन दिवसीय यह आयोजन 5, 6 और 7 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित Baansera Park, सराय काले खान में होगा।

उर्दू के जश्न का दशक

पिछले एक दशक में जश्न-ए-रेख्ता न सिर्फ देश का, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा उर्दू-सांस्कृतिक मंच बन चुका है। हर वर्ष लाखों लोग इस महोत्सव में शायरी, संगीत, दास्तानगोई, कथात्मक प्रस्तुतियाँ, संवाद सत्र, किताबें, कला और खानपान—इन सबका अनूठा संगम देखने आते हैं।
दसवें संस्करण में आयोजक इस महोत्सव को ‘उर्दू का दशक’ शीर्षक के साथ और भी भव्य रूप दे रहे हैं।

क्या होगा इस बार खास?

इस साल फेस्टिवल के भीतर कई मंचों पर एक साथ अलग-अलग सत्र आयोजित होंगे।

  • मुशायरे और कवि-गोष्ठियाँ
  • ग़ज़ल और सूफ़ी संगीत की विशेष शामें
  • दास्तानगोई, कथा और नाटक
  • उर्दू भाषा पर संवाद, व्याख्यान और चर्चाएँ
  • किताब-बाज़ार, कला प्रदर्शनियाँ और साहित्यिक स्टॉल

Rekhta Bazaar और Aiwan-e-Zaiqa के माध्यम से उर्दू संस्कृति और खानपान का विशेष अनुभव
देशभर के नामी शायर, लेखक, कलाकार, अभिनेता, संगीतकार और युवा रचनाकार इस तीन-दिवसीय उत्सव का हिस्सा बनेंगे।

टिकट और पंजीकरण


जश्न-ए-रेख्ता में प्रवेश टिकट आधारित होगा।
दैनिक पास, तीन-दिवसीय पास, छात्र पास और विशेष एन्क्लोज़र टिकट—सभी श्रेणियाँ उपलब्ध रहेंगी।
साथ ही, आयोजन टीम ने वॉलंटियर रजिस्ट्रेशन भी खोल दिया है, जिसके लिए युवाओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।

सुविधाएँ और आयोजन संरचना

आगंतुकों के लिए अलग-अलग थीमैटिक स्टेज बनाए जाएंगे।
खाने-पीने के विशेष स्टॉल, किताबों की प्रदर्शनियाँ और उर्दू साहित्य से जुड़ी गतिविधियाँ उपलब्ध रहेंगी।
आयोजन स्थल तक पहुँचने के लिए नई दिल्ली के प्रमुख मार्गों और सार्वजनिक परिवहन से आसानी होगी।
भीड़ को देखते हुए आयोजकों ने सुरक्षा, प्रबंधन और गाइडेंस की विशेष तैयारी की है।

उर्दू संस्कृति का वैश्विक मंच


पिछले कुछ वर्षों में जश्न-ए-रेख्ता भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के विभिन्न देशों में भी आयोजित किया गया है। महोत्सव की यही बढ़ती लोकप्रियता इसे उर्दू भाषा के अंतरराष्ट्रीय मंच के रूप में स्थापित करती है।
2025 का दिल्ली संस्करण इस सांस्कृतिक यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय माना जा रहा है।

समापन


जश्न-ए-रेख्ता 2025 सिर्फ एक फेस्टिवल नहीं, बल्कि भाषा, साहित्य और संस्कृति का ऐसा उत्सव है जिसने उर्दू को नई पीढ़ियों में पुनर्जीवित किया है।
दसवें वर्ष का यह जश्न—अतीत की विरासत, वर्तमान की रचनात्मकता और भविष्य की संभावनाओं को एक साथ जोड़ने वाला सांस्कृतिक संगम साबित होगा।

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