तेज प्रताप-तेजस्वी यादव: बढ़ता परिवारिक और राजनीतिक विवाद

Photo of author

By Akanksha Singh Baghel

दरार की शुरुआत: सोशल मीडिया से बढ़ा विवाद

हाल ही में, तेज प्रताप यादव ने X (पूर्व ट्विटर) पर अपने भाई तेजस्वी यादव और उनकी बहन मिसा भारती को अनफॉलो कर दिया है।
यह एक बहुत प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है — न सिर्फ व्यक्तिगत दूरी, बल्कि राजनीतिक और राजनैतिक संदेश भी।


निष्कासन के बाद भड़कती भावनाएं

    तेज प्रताप को पहले ही RJD और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित किया जा चुका है।
    उन्होंने इस फैसले को “षड्यंत्र” करार दिया है, उन “गुरूर और लालच वाले लोगों” पर आरोप लगाते हुए जो उनके और तेजस्वी के बीच दरार बनाना चाहते हैं।
    अपनी पुरानी गलियों को बयान करते हुए, तेज प्रताप ने लिखा कि उनके माता-पिता ही उनका “संपूर्ण संसार” हैं और वे उनकी “भरोसा और प्यार” को बेहद महत्व देते हैं।


    तेजस्वी का जवाब: व्यक्तिगत-राजनीतिक जीवन का अलग मत

      तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई की जिद़ को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा है कि “राजनीति और निजी जीवन अलग-अलग चीज़ हैं” और तेज प्रताप को “अपनी व्यक्तिगत ज़िंदगी का फैसला करने का अधिकार है।”
      इसके साथ ही, तेजस्वी ने अपने पिता लालू यादव के फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि अनुशासन बनाए रखना ज़रूरी है।


      परिवार का राजनीतिक समीकरण बदल रहा है

        पुरानी कहानियाँ: तेज प्रताप पहले “लालू-राबरी मोर्चा” जैसे एलायंस बना चुके हैं, यह दिखाता है कि उनके और परिवार के बीच सत्ता-संतुलन की लड़ाई नई नहीं है।

        चुनावी रणनीति: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र तेज प्रताप ने महुआ सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है — यह तेजस्वी के RJD प्रभुत्व को चुनौती देने जैसा कदम माना जा रहा है।

        गठबंधन: उन्होंने अपनी नई राजनीतिक पहचान बनाने के लिए Janshakti Janata Dal (JJD) के ज़रिए अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन भी किया है।


        सार्वजनिक मुलाकातें और राजनीतिक संकेत

          हालांकि सार्वजनिक बयान भिड़े हैं, लेकिन मीडिया में एक वीडियो भी आया था जिसमें तेज प्रताप और तेजस्वी एयरपोर्ट पर एक-दूसरे से मिले।
          यह मुलाकात यह बताती है कि वे पूरी तरह अलग नहीं हुए हैं — लेकिन उनका संबंध अब पहले जैसा नहीं रहा।


          आगे का असर: RJD और बिहार की राजनीति पर क्या पड़ सकता है प्रभाव?

            RJD की एकता पर सवाल: यह परिवारिक विवाद पार्टी के अंदरूनी भरोसे को कमजोर कर सकता है और समर्थकों में अनिश्चितता बढ़ा सकता है।

            चुनावी रणनीति पर असर: तेज प्रताप का महुआ से चुनावी दांव और नई पार्टी गठबंधन RJD के वोट बैंक को काट सकता है, खासकर यादव समुदाय में।

            छवि और समर्थन: यह विवाद सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि छवि (image) का भी मामला बन गया है — वोटरों के लिए यह परिवार “दिखावे का मोर्चा” बन सकता है।

            लंबे समय की लड़ाई: यह संघर्ष अस्थायी हो सकता है या भविष्य में और गहराया भी जा सकता है — यह इस बात पर निर्भर करेगा कि दोनों भाई अपने गठबंधन और रणनीति को कैसे आगे बढ़ाते हैं।

            Leave a Comment

            This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.