AI Teachers,भारत की कोचिंग हब कही जाने वाली कोटा अब केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षा में तकनीकी क्रांति के लिए भी चर्चा में है। यहां 1000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से एक अत्याधुनिक एआई लैब और आरएंडडी सेंटर तैयार किया गया है, जहां ऐसे ‘एडवांस टीचर’ विकसित किए जा रहे हैं जो न केवल पढ़ाएंगे, बल्कि छात्रों की सोच, क्षमताओं और कमजोरियों को भी गहराई से समझ सकेंगे।
पारंपरिक शिक्षा से आगे की सोच
कोटा की यह पहल शिक्षा के पारंपरिक ढांचे को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब शिक्षक सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से छात्रों के दिमाग को पढ़कर उनकी वास्तविक ज़रूरतों के हिसाब से पढ़ाई करवाएंगे।
- एआई टीचर तुरंत पहचान सकेंगे कि कौन सा बच्चा किस विषय में मजबूत है और किस हिस्से पर अधिक मेहनत की जरूरत है।
- प्रत्येक छात्र के लिए अलग-अलग पर्सनलाइज्ड स्टडी प्लान तैयार होगा।
- परफॉर्मेंस और एफर्ट को ट्रैक करने वाले टूल्स से यह तय होगा कि किस छात्र ने किस अध्याय को कितनी गहराई से समझा।
पढ़ाई के नए तरीके
कोटा में शुरू की गई इस तकनीक से छात्रों की पढ़ाई अब और भी इंटरएक्टिव और आसान होगी।
- स्मार्ट असाइनमेंट और माइक्रो टेस्ट– छात्र जैसे ही गलती करेगा, तुरंत फीडबैक मिलेगा। इससे कमजोरियां उसी समय दूर की जा सकेंगी।
- सीपीएस मशीन – हर छात्र की व्यक्तिगत क्षमता के अनुसार प्रैक्टिस शीट और स्टडी प्लान तैयार होंगे।
- रीयल टाइम एनालिसिस – एक घंटे की क्लास खत्म होने पर यह रिपोर्ट मिल जाएगी कि कितने छात्रों ने विषय को अच्छी तरह समझा और किसे और मार्गदर्शन की आवश्यकता है।
- वीआर और एआर सिमुलेशन– जटिल विषयों को 3डी और विजुअलाइजेशन के साथ समझाया जाएगा, जिससे कठिन टॉपिक्स भी रोचक बन जाएंगे।
चौबीसों घंटे डाउट क्लियरिंग
AI Teachers का सबसे बड़ा लाभ यह है कि छात्रों को कभी भी अपनी जिज्ञासाओं का समाधान मिल सकेगा। चाहे रात के दो बजे हों या सुबह, छात्र अपने पसंदीदा शिक्षक के एआई संस्करण से सवाल पूछ सकते हैं। इसके अलावा, लंबी कक्षाओं को 15 मिनट की शॉर्ट क्लिप में बदलकर रिवीजन आसान बना दिया जाएगा।
संस्थानों का दावा
मोशन कोचिंग संस्थान के कंटेंट हेड जयंत चित्तौड़ा का कहना है कि, “अब बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनकी सोच और समझ को पढ़ने का भी काम एआई टीचर कर रहे हैं। यह बच्चों की कमजोरियों को तुरंत पहचानकर लगातार ट्रेनिंग देते हैं, जब तक कि छात्र पूरी तरह मजबूत न हो जाए। इसका असर सीधा उनकी आत्मविश्वास और प्रदर्शन पर पड़ रहा है।”
प्रभाव और भविष्य की संभावना
इस प्रयोग का असर छात्रों के नतीजों पर भी दिखने लगा है।
- छात्रों की ऑल इंडिया रैंकिंग में सुधार देखा जा रहा है।
- सिलेक्शन रेशियो में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है।
- विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले वर्षों में यह मॉडल पूरे भारत में शिक्षा की दिशा और स्तर बदल सकता है।
कोटा में शुरू की गई यह AI पहल इस बात का प्रमाण है कि शिक्षा का भविष्य केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि तकनीक के सहारे और अधिक व्यक्तिगत, सटीक और प्रभावी होगा। यह मॉडल अगर सफलतापूर्वक पूरे देश में लागू किया जाता है तो शिक्षा प्रणाली में एक बड़ी क्रांति संभव है।