Air India हादसे की शुरुआत
Air India की एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान, जो दुबई से केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंड कर रही थी, अचानक रनवे से फिसलकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह हादसा शुक्रवार की शाम करीब 7:45 बजे हुआ, जब भारी बारिश के कारण रनवे फिसलन भरा था। विमान में 180 से अधिक यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे।
पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया
हादसे के कुछ घंटों बाद नागरिक उड्डयन मंत्री की ओर से पहली प्रतिक्रिया सामने आई। उन्होंने कहा:
“यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हमारी प्राथमिकता राहत और बचाव कार्य को तेज़ी से पूरा करना है। DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।”

वहीं, Air India एक्सप्रेस की ओर से भी बयान जारी हुआ:
“हम अपने यात्रियों और क्रू के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। सभी घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।”
हादसे का विवरण
विमान बोइंग 737 था, जो वंदे भारत मिशन के तहत फंसे हुए भारतीयों को वापस ला रहा था। लैंडिंग के समय विमान रनवे पर रुकने में असफल रहा और खाई में गिरते हुए दो हिस्सों में टूट गया।
स्थानीय चश्मदीदों के अनुसार, हादसे के समय तेज़ बारिश हो रही थी और लाइटिंग भी खराब थी।
राहत और बचाव कार्य
- घटना के तुरंत बाद एयरपोर्ट प्रशासन, दमकल कर्मी, और NDRF की टीम मौके पर पहुंची।
- करीब 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
- 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल यात्रियों को तत्काल अस्पताल भेजा गया।
- पायलट और को-पायलट की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
संभावित कारण और जांच
DGCA ने विमान के ब्लैक बॉक्स की तलाश शुरू कर दी है।
पहली नजर में हादसे का मुख्य कारण रनवे का “tabletop” होना और बारिश के कारण कम विजिबिलिटी माना जा रहा है।
हालांकि, विस्तृत जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सटीक कारणों की पुष्टि होग।
शोक और संवेदनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया:
“कोझिकोड विमान हादसा अत्यंत दुखद है। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।”
निष्कर्ष
यह हादसा न केवल तकनीकी लापरवाही की ओर संकेत करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि खराब मौसम और रनवे की स्थिति किस तरह जानलेवा साबित हो सकती है।
सरकार और एयर इंडिया की प्राथमिकता अब सभी यात्रियों की सुरक्षा, घायलों का इलाज और हादसे की निष्पक्ष जांच है। आने वाले दिनों में इस हादसे से जुड़े और तथ्य सामने आ सकते हैं जो विमानन सुरक्षा नीति में बदलाव का कारण बन सकते हैं।