गुवाहाटी, 11 जुलाई 2025
Assam government ने निजी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि इलाज का बिल बकाया होने के बावजूद मृत मरीजों का शव दो घंटे से अधिक रोका नहीं जाएगा। इस सख्त आदेश का उद्देश्य परिजनों को अनावश्यक मानसिक पीड़ा से बचाना और अस्पतालों की संवेदनशीलता तथा जवाबदेही को बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानवता और संवेदना को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। किसी भी अस्पताल को, चाहे वह निजी हो या सरकारी, मृत्यु की पुष्टि के दो घंटे के भीतर शव को परिजनों को सौंपना अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा
“बिल भुगतान को शव की रिहाई से जोड़ना एक अमानवीय और संवेदनहीन व्यवहार है। नया नियम इस बात को सुनिश्चित करता है कि मरीज की मृत्यु के बाद grieving परिजनों को अनावश्यक मानसिक पीड़ा और तनाव का सामना न करना पड़े, और उन्हें समय पर सम्मानपूर्वक शव सौंपा जाए।”
राज्य सरकार ने यह स्पष्ट रूप से घोषित किया है कि नए नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी निजी अस्पताल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि मरीजों के परिजनों को मानसिक और भावनात्मक पीड़ा से बचाया जाए। इसके साथ ही, स्वास्थ्य विभाग को इस नियम के प्रभावी और सख्त पालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है ताकि हर अस्पताल इसका पालन करे।
प्रमुख बिंदु:
- शव सौंपने में बिल भुगतान की बाध्यता समाप्त
- मृत्यु की पुष्टि के 2 घंटे के भीतर शव सौंपना अनिवार्य
- नियम का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई तय
Assam government की पहल को जनमानस से समर्थन
यह निर्णय असम के स्वास्थ्य तंत्र में एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है। इससे न केवल मरीजों के परिजनों को सम्मानजनक तरीके से शव सौंपा जा सकेगा, बल्कि अस्पतालों की जवाबदेही भी बढ़ेगी। यह सरकार की मानवता, संवेदनशीलता और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है, जो प्रशंसनीय कदम है।