Common Cold:बदलते मौसम से कमजोर होती है इम्युनिटी,जानिए वजह और उपाय।

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By Akanksha Singh Baghel

Common Cold बदलता मौसम, कमजोर इम्यूनिटी और बढ़ती सर्दी-खांसी

Common Cold,मौसम बदलते ही सर्दी-खांसी और जुकाम का बढ़ना आम बात है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? और हाल ही में भारत में खांसी की सिरप से हुई बच्चों की मौतों ने एक और गंभीर चिंता को जन्म दिया है। आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि बदलते मौसम का हमारी इम्यूनिटी पर क्या असर पड़ता है, इससे कैसे बचें और दवाइयों को लेकर किन बातों का ध्यान रखें।

भारत में हाल ही में हुई खांसी की सिरप से मौतों पर भी एक नज़र


मौसम बदलते ही सर्दी-खांसी क्यों बढ़ जाती है?

ठंडी और सूखी हवा में वायरस ज्यादा टिकते हैं। इस दौरान लोग ज्यादातर समय घर के अंदर रहते हैं, जिससे संक्रमण आसानी से फैलता है।

तापमान में अचानक बदलाव शरीर पर तनाव डालता है और नाक-गले की झिल्ली (mucosa) कमजोर हो जाती है।

कम धूप और विटामिन-D की कमी भी शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता घटा देती है।


इम्यून सिस्टम पर मौसम का असर

नाक-गले की नमी घट जाती है, जिससे वायरस आसानी से चिपक जाते हैं।

ठंडे झोंके हल्की सूजन और जलन पैदा करते हैं, जो संक्रमण का रास्ता खोलते हैं।

नींद की कमी, तनाव और खान-पान में गड़बड़ी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देते हैं।


सर्दी-खांसी के आम कारण

वायरस संक्रमण (सर्दी-जुकाम का सबसे आम कारण)

एलर्जी (धूल, परागकण, फफूंदी)

धुआं, प्रदूषण, या बहुत सूखी हवा

गैस्ट्रिक एसिड या पोस्ट-नैसल ड्रिप

अगर खांसी हल्की है और 7–10 दिन में ठीक हो जाती है, तो चिंता की बात नहीं।
लेकिन अगर बुखार, सांस लेने में दिक्कत, या लगातार बढ़ती खांसी है — डॉक्टर से तुरंत मिलें।


इम्यूनिटी बढ़ाने के आसान उपाय

पर्याप्त नींद लें (7–9 घंटे) – शरीर को मरम्मत और रक्षा की शक्ति देता है।

संतुलित आहार – फल, सब्ज़ियां, प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल करें।

पानी खूब पिएं – गले की नमी बनाए रखता है।

हाथ धोएं या सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें।

टीकाकरण करवाएं – जैसे फ्लू या अन्य मौसमी टीके।

धूम्रपान और शराब से दूरी रखें।

तनाव कम करें – योग, ध्यान, संगीत या सैर से मदद मिलती है।


Caution with Pricautions

सांस लेने में कठिनाई या बहुत तेज सांस

3 दिन से अधिक तेज बुखार

बच्चा खाना या पानी नहीं पी पा रहा

होंठ या उंगलियां नीली पड़ना

खांसी 2–3 हफ्ते से ज़्यादा चलना


भारत में हाल ही में हुई खांसी की सिरप से मौतें

अक्टूबर 2025 में भारत में कई बच्चों की खांसी की सिरप पीने से मौत की खबर सामने आई। जांच में पाया गया कि कुछ सिरप में खतरनाक रसायन – डाईएथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल मिले थे, जो शरीर के लिए ज़हरीले हैं।
सरकार ने इन सिरपों को बाज़ार से वापस मंगवाया और जांच शुरू की। इस घटना ने भारत में दवा निर्माण और निगरानी व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए।


सावधानी हटी बीमारी लगी।

केवल डॉक्टर या फार्मासिस्ट की सलाह से दवा दें।

ब्रांड, बैच नंबर और एक्सपायरी डेट जरूर देखें।

पैकिंग टूटी-फूटी या संदिग्ध लगे तो दवा न लें।

बच्चे को दवा देने के बाद अगर उल्टी, नींद, सांस की तकलीफ या पेशाब कम होना जैसे लक्षण दिखें — तुरंत अस्पताल जाएं।

ऐसी घटनाओं की सूचना स्वास्थ्य विभाग या ड्रग रेगुलेटर को दें।


याद रखने योग्य बातें

बदलते मौसम में Common Cold आम है, लेकिन लगातार या गंभीर लक्षणों को नज़रअंदाज न करें।

शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए नींद, पोषण और साफ-सफाई का ध्यान रखें।

छोटे बच्चों को दवा देते समय बेहद सतर्क रहें।

हाल की सिरप मौतें हमें याद दिलाती हैं कि सुरक्षित दवा का चयन उतना ही जरूरी है जितना इलाज।

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