Delhi Car Blast: लाल किला के पास कार धमाका ,जाँच और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

Photo of author

By Akanksha Singh Baghel

घटना का विस्तार

Delhi Car Blast,10 नवंबर 2025 की शाम लगभग 6 बजकर 52 मिनट पर, दिल्ली के सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर, लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट-1 के पास एक धीमी गति से चल रही गाड़ी (Hyundai i20) में अचानक जोरदार धमाका हुआ।
इस घटना के तुरंत बाद पास-पास खड़ी कई गाड़ियाँ आग की चपेट में आ गयीं।
प्रारंभिक खबरों के अनुसार इस विस्फोट में कम-से-कम 8 लोगों की मृत्यु हुई और दर्जनों घायल हुए हैं; बाद में मौतों की संख्या बढ़कर 10-13 तक पहुँच गयी है।

मीडिया कवरेज

रॉयटर्स ने बताया कि विस्फोट में आठ लोग मारे गए और कम-से-कम 20 घायलों की सूचना मिली है।

अमेरिकी समाचार एजेंसी AP ने बताया कि कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं और कारण अभी स्पष्ट नहीं है।

हिंदी समाचार स्रोत लाइव अपडेट दे रहे थे कि घटना के तुरंत बाद दिल्ली-एनसीआर में हाई-अलर्ट जारी किया गया है।

अधिकारियों के बयान और जांच-क्रम

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा: “आज शाम करीब 7 बजे, लाल किले के पास सुभाष मार्ग ट्रैफिक सिग्नल पर एक Hyundai i20 में विस्फोट हुआ। कुछ राहगीर घायल हुए हैं, कुछ वाहनों को क्षति हुई है। हमें तुरंत सूचना मिली और 10 मिनट के भीतर क्राइम ब्रांच-स्पेशल ब्रांच मौके पर पहुंची। एनएसजी, एनआईए और एफएसएल की टीमें भी जुटी हैं।”

दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने पुष्टि की: “घटनास्थल पर FSL, NIA समेत अन्य एजेंसियाँ मौजूद हैं। गाड़ी एक धीमी गति से चल रही थी, लाल बत्ती पर रुकी थी, तभी विस्फोट हुआ। आसपास की कई गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हुई हैं।”

जांच की वर्तमान स्थिति:

सब्सट्रेटों की जांच जारी है किस तरह का विस्फोट था (आतंकी हमला, विस्फोटक पदार्थ, गैस सीएनजी आदि) — आरंभिक संकेतों में किसी स्पष्ट ‘शेल’ या गहरी क्रेटर नहीं पाया गया।

आसपास के सभी CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और मोबाइल कॉल डेटा भी जांच में शामिल है।

अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है और न ही फैक्ट्स-लाइन फाइनल हुई है।

संदर्भ और सुरक्षा-परिस्थिति

Delhi Car Blast,लाल किला मेट्रो स्टेशन एवं उसके आसपास का क्षेत्र दिल्ली की पुरानी विधानसभा एवं भीड़-भाड़ वाला इलाका है; राष्ट्रीय स्मारक होने के कारण सुरक्षा हमेशा बनी रहती है।

पिछले दशकों में इसी इलाके में बड़े आतंकी हमले बहुत कम हुए हैं, लेकिन हाल-फिलहाल देश में विस्फोटक पकड़ने और आतंकी नेटवर्क सक्रिय रहने की खबरें मिल रही थीं। (उदाहरण के लिए हरियाणा-फरीदाबाद में बड़े एक्सप्लोसिव्स पकड़े गए थे) 

इस घटना ने राजधानी दिल्ली की सुरक्षा-चुनौतियों को फिर से रेखांकित कर दिया है — ऐसी संवेदनशील जगहों पर गाड़ियों की निगरानी, वाहनों की जांच एवं भीड़ नियंत्रण को और तेज करना होगा।

सार्वजनिक असर और आगे की चुनौतियाँ

इस धमाके के बाद दिल्ली और आसपास के राज्यों (उ. प्र., हरियाणा, महाराष्ट्र) में हाई-अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

आम जनता में डर एवं असुरक्षा का भाव उभरा है — एक चश्मदीद ने बताया, “लगता था धरती फट गई हो, मैं तीन-चार बार गिरा।”

सुरक्षा विश्लेषक कह रहे हैं कि निजी वाहनों, खासकर भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर खड़ी गाड़ियों तथा ट्रैफिक-सिग्नल वाले क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतनी होगी।

जांच की निष्पादन-गति, दोषी-पता तथा जिम्मेदारी तय होने तक राजनीतिक एवं सामाजिक दबाव बने रहने की संभावना है — विपक्ष ने केंद्र व राज्य सरकारों को सुरक्षा-चूक के लिए आलोचना की है।

घटना के बाद की स्थिति और जनभावना

Delhi Car Blast,घटना के अगले दिन दिल्ली की सड़कों पर सन्नाटा और बेचैनी दोनों नजर आईं।पुरानी दिल्ली के चाँदनी चौक और दरियागंज बाजारों में दुकानों ने आधे दिन के लिए shutters बंद रखे।स्थानीय निवासियों ने कहा कि यह इलाका “हमेशा जीवंत रहता था, पर अब लोग डर में हैं।”घायलों के इलाज के लिए एलएनजेपी, जीटीबी और अरुणा आसफ अली अस्पतालों में विशेष वार्ड बनाए गए हैं।सरकार ने सभी घायलों के लिए आर्थिक सहायता और मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपए मुआवज़ा देने की घोषणा की है।सुरक्षा एजेंसियाँ अब वाहनों की जाँच प्रणाली और ट्रैफिक सिग्नलों पर सीसीटीवी कवरेज को और मजबूत करने की तैयारी कर रही हैं।जनभावना में गुस्सा है, लेकिन साथ ही एक उम्मीद भी — कि यह हादसा दिल्ली की सुरक्षा नीति को नया, सख़्त और आधुनिक बनाएगा।

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.