Birthday Special
जन्मदिन स्पेशल पर पढ़िए उनके संघर्षों की कहानी।

6 जनवरी 1984 को पंजाब के एक छोटे से गाँव में दिलजीत दोसांझ का जन्म हुआ। छोटे से गाँव से निकलकर अपनी आवाज़ और अभिनय से एक ऐसी पहचान बनाई है, जो समय के साथ और भी गहरी होती गई। उनकी कहानी केवल सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ने की नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे सपने की कहानी है, जो संघर्षों और मेहनत के दम पर पूरा हुआ।
अपनी पहचान एक गायक के रूप में बनाई, लेकिन उनकी यात्रा यहीं नहीं रुकी। उनकी आवाज़ में जादू था, लेकिन उनके सपने उससे भी बड़े थे। संगीत के मंच से फिल्मों तक, उन्होंने अपनी प्रतिभा और मेहनत से खुद को साबित किया । “लव डोज़”, “पटियाला पैग”, और “डू यू नो” जैसे हिट गाने दिलजीत को एक संगीत आइकन के रूप में स्थापित करने के लिए काफी थे।हालाँकि, उनका सफर आसान नहीं था। सीमित साधनों और अनगिनत संघर्षों के बावजूद, दिलजीत ने हार नहीं मानी। उन्होंने मेहनत और आत्मविश्वास के बल पर अपनी पहचान बनाई और साबित किया कि अगर सपने सच्चे हों, तो उन्हें पूरा करने की ताकत भी मिल ही जाती है।
सिर्फ पंजाबी ही नहीं बॉलीवुड में भी जमाया अपना धाक

दिलजीत दोसांझ ने न केवल पंजाबी बल्कि बॉलीवुड फिल्मों में भी अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया । “उड़ता पंजाब” में उनके दमदार प्रदर्शन ने उन्हें बॉलीवुड में एक नई पहचान दिलाई। इसके बाद “गुड न्यूज” और “सूरज पे ” जैसी फिल्मों में उन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा को साबित किया।की फिल्मों और गानों ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया, लेकिन उनकी सादगी और जमीन से जुड़े व्यक्तित्व ने उन्हें लोगों के दिलों का राजा बना दिया। दिलजीत ने अपनी पंजाबी फिल्मों जैसे “जट्ट एंड जूलियट”, ” सुपर सिंह”, और “शडा” के जरिए भी अपार सफलता हासिल की।
बने एक उदाहरण
दिलजीत की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो छोटे शहरों से बड़े सपने देखते हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत छोटे-छोटे मंचों पर गाना गाकर की थी, लेकिन अपनी मेहनत, लगन और टैलेंट के बल पर आज वे भारत के सबसे पसंदीदा कलाकारों में गिने जाते हैं।उनकी मधुर आवाज़, शानदार अभिनय और विनम्र स्वभाव ने उन्हें न केवल एक स्टार बल्कि एक रोल मॉडल बना दिया है। दिलजीत का मानना है कि सपने देखने वाले ही इतिहास रचते हैं, और उनकी जिंदगी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है।