High BP in Children क्यों है खतरनाक?
High BP in Children,अक्सर हम मानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर (High BP) सिर्फ बड़ों की समस्या है। लेकिन हाल ही में हुई एक बड़ी रिसर्च ने इस सोच को बदल दिया है। अध्ययन के मुताबिक, अगर 7 साल की उम्र में बच्चे का बीपी सामान्य से ज्यादा है तो 50 साल की उम्र तक दिल की बीमारी से मरने का खतरा 40% से 50% तक बढ़ जाता है।
यानी बचपन का बढ़ा हुआ बीपी भविष्य में हार्ट अटैक, स्ट्रोक और अन्य हृदय रोगों की गंभीर वजह बन सकता है।
क्या कहती है नई रिसर्च?
यह अध्ययन अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया और जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में प्रकाशित हुआ है। इसे अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) साइंटिफिक सेशन 2025 में पेश भी किया गया।
इसमें 1959 से 1966 के बीच जन्मे 38,000 बच्चों को लंबे समय तक फॉलो किया गया।
जिन बच्चों का बीपी 7 साल की उम्र में हाई था, उनमें 50 से पहले हार्ट डिजीज से मरने की संभावना काफी ज्यादा पाई गई।
रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ. अलेक्सा फ़्रीडमैन के अनुसार, यह नतीजे इस बात पर जोर देते हैं कि बचपन से ही बीपी चेक करना और उसे नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है।
बच्चों में हाई बीपी के कारण (Causes of High BP in Children)
आजकल बच्चों की जीवनशैली तेजी से बदल रही है। हाई बीपी का खतरा इन वजहों से बढ़ रहा है:
ज्यादा जंक फूड और पैकेज्ड फूड का सेवन
अत्यधिक नमक (सॉल्ट) का इस्तेमाल
मोटापा और ओवरवेट
शारीरिक गतिविधियों की कमी
स्क्रीन टाइम (Mobile, TV, Gaming) का बढ़ना
पारिवारिक इतिहास (अगर माता-पिता को हाई बीपी है तो बच्चों में भी रिस्क ज्यादा)
बच्चों में हाई बीपी के लक्षण (Symptoms)
High BP in Children,अक्सर बच्चों में हाई बीपी Silent Killer की तरह काम करता है क्योंकि शुरुआती दौर में कोई बड़े लक्षण नजर नहीं आते। लेकिन कुछ संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
बार-बार सिरदर्द होना
थकान या कमजोरी
आंखों के सामने धुंधलापन
चिड़चिड़ापन या ध्यान न लगना
सांस लेने में परेशानी
बच्चों में नॉर्मल बीपी कितना होना चाहिए?
बड़ों की तरह बच्चों का ब्लड प्रेशर भी उम्र, ऊंचाई और वजन के हिसाब से बदलता है।
6 से 9 साल के बच्चों का सामान्य बीपी लगभग 100/65 mmHg के आसपास माना जाता है।
10 से 12 साल के बच्चों के लिए सामान्य बीपी करीब 110/70 mmHg होता है।
अगर किसी बच्चे का बीपी इन सीमाओं से लगातार ज्यादा रहे, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए।
बच्चों में बीपी कैसे मापा जाए?
बच्चों के लिए खास साइज की BP Cuff (ब्लड प्रेशर मशीन का पट्टा) इस्तेमाल करें।
बच्चे को शांत अवस्था में बैठाकर मापें।
मापते समय पैर जमीन पर और हाथ मेज पर टिके हों।
एक बार मापने से नतीजा तय न करें, कम से कम दो-तीन बार अलग-अलग समय पर मापें।
बचपन से ही डालें Heart-Healthy Habits
दिल को स्वस्थ रखने की आदतें बचपन से ही जरूरी हैं। विशेषज्ञ इन बातों पर जोर देते हैं:
- बच्चों का नियमित बीपी चेकअप कराएं।
- उनके खाने में नमक और प्रोसेस्ड फूड कम करें।
- फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी स्नैक्स खिलाएं।
- बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटा आउटडोर गेम्स या फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रेरित करें।
- पर्याप्त नींद (7–9 घंटे) दिल और दिमाग के लिए जरूरी है।
- स्क्रीन टाइम को सीमित करें।
विशेषज्ञों की राय
High BP in Children,अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) का मानना है कि यह रिसर्च भविष्य में बच्चों के बीपी के लिए नई और सटीक परिभाषा तय करने में मदद करेगी। आज बच्चों के बीपी की “नॉर्मल रेंज” बड़ों की तरह स्पष्ट नहीं है, यही कारण है कि कई बार हाई बीपी बचपन में पहचान में नहीं आता।