monsoon session of parliament सोमवार से आरंभ हो गया है, और पहले ही दिन से यह कई अहम मुद्दों को लेकर चर्चा में आ गया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इस सत्र में सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और जज यशवंत सिन्हा केस पर गंभीरता से चर्चा करने के लिए तैयार है।
ऑपरेशन सिंदूर: क्या है ये मिशन?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ हाल ही में एक अंडरकवर मिशन के रूप में सामने आया है, जिसमें आतंकवाद और तस्करी से जुड़े मामलों की परतें खुल रही हैं। सरकार के सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है और इसमें कुछ अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी सामने आए हैं। इस पर monsoon session of parliament में खुली चर्चा की मांग विपक्ष द्वारा की जा रही है।
जज यशवंत सिन्हा केस: न्यायपालिका पर उठते सवाल
पूर्व न्यायाधीश यशवंत सिन्हा से जुड़े एक विवादित मामले ने भी राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। यह केस न्यायपालिका की स्वतंत्रता और कार्यप्रणाली पर नए सवाल खड़े करता है। विपक्ष और कुछ नागरिक संगठनों ने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर भी विस्तृत चर्चा और आवश्यक कार्रवाई को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
किरेन रिजिजू का बयान
केंद्रीय मंत्री ने कहा,
“सरकार पारदर्शिता में विश्वास रखती है। हम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और जज यशवंत सिन्हा केस जैसे गंभीर विषयों पर संसद में विस्तृत बहस के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और न्यायिक प्रणाली की गरिमा दोनों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है।
monsoon session of parliament, आगे की रणनीति
सरकार इन दोनों मुद्दों को लेकर सदन में दस्तावेज और फाइलें प्रस्तुत कर सकती है। विपक्ष पहले ही संकेत दे चुका है कि वह इन विषयों पर तीखी बहस करेगा। यह मानसून सत्र राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।