National space day,23 अगस्त 2023 का दिन भारत के इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। इसी दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 को चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारकर दुनिया को चौंका दिया। इस उपलब्धि के सम्मान में भारत सरकार ने हर साल 23 अगस्त को “राष्ट्रीय स्पेस डे (National Space Day)” मनाने की घोषणा की।
क्यों खास है National space day?
- यह दिन हमें याद दिलाता है कि भारत अब सिर्फ पृथ्वी तक सीमित नहीं, बल्कि अंतरिक्ष तक अपनी पहुँच बना चुका है।
- यह उन वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीशियनों को सम्मान देने का दिन है जिन्होंने अपनी मेहनत से यह असंभव लगने वाला सपना सच कर दिखाया।
- युवा पीढ़ी को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान की ओर प्रेरित करने का यह बेहतरीन अवसर है।
भारत की अंतरिक्ष यात्रा
- 1969 में इसरो की स्थापना हुई।
- 1975 में भारत ने अपना पहला सैटेलाइट आर्यभट्ट लॉन्च किया।
- 2008 में चंद्रयान-1 ने चाँद पर पानी की मौजूदगी का पता लगाया।
- 2013 में मंगलयान मिशन ने भारत को एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश बना दिया जिसने मंगल तक पहुँच बनाई।
- 2023 में चंद्रयान-3 ने चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करके नया इतिहास रचा।
अंतरिक्ष तकनीक में भारत की भूमिका
- भारत सैटेलाइट तकनीक का उपयोग कृषि, मौसम पूर्वानुमान, रक्षा और दूरसंचार में कर रहा है।
- भारतीय रॉकेट्स किफायती दरों पर विदेशी उपग्रहों को भी लॉन्च कर रहे हैं, जिससे स्पेस इकॉनमी में भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।
- नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टलेशन (NavIC) जैसी तकनीक ने भारत को GPS पर निर्भरता से भी काफी हद तक मुक्त किया है।
भविष्य की योजनाएँ
- गगनयान मिशन – भारत जल्द ही अपने अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा।
- आदित्य L1 – सूर्य के अध्ययन के लिए विशेष मिशन।
- भविष्य के चंद्र और मंगल मिशन – भारत लगातार नई खोजों की दिशा में काम कर रहा है।
- स्पेस इंडस्ट्री और स्टार्टअप्स – निजी क्षेत्र की भागीदारी से भारत स्पेस टेक्नोलॉजी का ग्लोबल हब बनने की ओर अग्रसर है।