Postal ballot counting rule change,निर्वाचन आयोग ने बदला पोस्टल बैलेट गिनती का नियम विपक्ष समर्थन में, जानिए इस बदलाव की पूरी जानकरी।
भारत के निर्वाचन आयोग ने एक नया निर्देश जारी किया है, जिसमें पोस्टल बैलेट (डाक मतपत्र) की गिनती की प्रक्रिया बदल दी गयी है। यह बदलाव आयोग की बड़ी पहलों में से एक है।
नए निर्देश के अनुसार, EVM/VVPAT मतगणना की “दूसरी अंतिम” चरण तब तक शुरू नहीं की जाएगी, जब तक उस मतदान केंद्र पर सभी पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी न हो जाए।
इस फैसले का उद्देश्य है मतगणना प्रक्रिया में स्पष्टता, समानता और देरी कम करना
प्रतिक्रिया : विपक्ष और समर्थन
इस नए निर्णय को विपक्षी दलों से व्यापक समर्थन मिला है। उनका तर्क है कि यदि EVM की गिनती पहले शुरू हो जाए और पोस्टल बैलेट बाद में गिने जाएं, तो नजदीकी मुकाबले में अंतिम समय में पोस्टल बैलेटों के स्वीकार या अस्वीकार होने से परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।
विशेष रूप से कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने पहले भी आयोग से ज़ोर दिया था कि 2019 में जारी हुई गिनती प्रक्रिया को बदलकर पुरानी व्यवस्था बहाल की जाए।
उस समय, 2019 में, आयोग ने यह निर्देश जारी किया था कि EVM/VVPAT की गिनती पोस्टल बैलेट की स्थिति से स्वतंत्र होकर भी जारी रखी जा सकती है। लेकिन अब आयोग ने उस 2019 के निर्देश को वापस लेते हुए, पहले वाली व्यवस्था लौटाई है।
कई विपक्षी नेताओं ने इसे चुनाव नियमों के अनुरूप और पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बताया है।
यह बदलाव क्यों जरूरी हुआ?
पोस्टल वोटों की बढ़ती संख्या
Postal ballot counting rule change,भारत में पोस्टल बैलेट की संख्या पिछले वर्षों में लगातार बढ़ी है। हाल ही में हुए चुनावों में लगभग 42 लाख से अधिक मतदाता पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कर चुके थे, जो कुल मतों का लगभग 0.66% था। यह अब तक की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।
2019 और 2024 के बीच पोस्टल बैलेटों की संख्या करीब 53% बढ़ी। इतना ही नहीं, आयोग ने समय के साथ इस सुविधा के दायरे को विस्तृत किया है — जैसे 80 वर्ष से ऊपर की उम्र, दिव्यांग मतदाता और अन्य श्रेणियों को शामिल करना।
2019 का बदलाव और उसका प्रभाव
2019 में आयोग ने यह निर्देश जारी किया था कि EVM/VVPAT की गिनती पोस्टल बैलेट की गिनती से स्वतंत्र रूप से शुरु हो सकती है, ताकि धीमी पोस्टल बैलेट प्रक्रिया पूरे मतगणना को बाधित न करे।
यह कदम उस समय विवादित रहा क्योंकि विपक्षी दलों का कहना था कि यह प्रक्रिया नियमों और पारदर्शिता की भावना के खिलाफ है। लेकिन अब आयोग ने इसे फिर से पूर्व की पद्धति में लौटाया है और स्पष्ट किया है कि नई व्यवस्था से प्रक्रिया में रफ़्तार और पारदर्शिता आएगी।
नए निर्देश की मुख्य विशेषताएँ
- पोस्टल बैलेट गिनती सुबह 8:00 बजे शुरू होगी, जबकि EVM/VVPAT की गिनती 8:30 बजे से शुरू होगी।
- यदि किसी केंद्र पर पोस्टल बैलेटों की संख्या अधिक हो, तो पर्याप्त टेबल और गिनती स्टाफ मुहैया कराया जाएगा।
- नया निर्देश स्पष्ट करता है कि EVM/VVPAT की दूसरी अंतिम चरण की गिनती तभी होगी जब पोस्टल बैलेटों की गिनती पूरी हो गई हो।
- लक्ष्य है चुनावी प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, विवादमुक्त और समयनिष्ठ बनाना लोकतंत्र के लिए इसका महत्व
इस बदलाव से यह संदेश जाता है कि आयोग चुनावी प्रक्रिया को लेकर अधिक गंभीर और संवेदनशील है। पोस्टल बैलेट की गिनती अब न केवल प्राथमिकता होगी बल्कि इसे अंतिम समय के विवादों से बचाने की कोशिश भी मानी जाएगी।
विपक्षी दल इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं जो चुनावी भरोसे को मजबूत करेगा। हालांकि यह भी ज़रूरी है कि प्रशासनिक संसाधन पर्याप्त हों, वरना गिनती प्रक्रिया में देरी और अव्यवस्था फिर से विवाद का कारण बन सकती है।