Shardiya Navratri 2025 की शुरुआत इस साल 22 सितंबर से हो चुकी है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पर्व माता दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों को समर्पित है। इस दौरान भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और मां से सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति की प्रार्थना करते हैं। नवरात्रि में रंगों का विशेष महत्व होता है। हर दिन एक निश्चित रंग धारण करना शुभ माना गया है, जबकि कुछ रंग ऐसे भी हैं जिन्हें धारण करने से परहेज करना चाहिए।
नवरात्रि में रंगों का महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हर रंग अपनी एक खास ऊर्जा और प्रतीकात्मकता लिए होता है। नवरात्रि में प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूप की पूजा होती है, और उनके स्वरूप के अनुरूप वस्त्र का रंग पहनने से जीवन में सकारात्मकता आती है। यही कारण है कि भक्त इन नौ दिनों में विशेष रंग पहनकर माता को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।
काला रंग क्यों माना जाता है अशुभ?
नवरात्रि के शुभ और पवित्र वातावरण में काले रंग से परहेज करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, काला रंग नकारात्मकता और उदासी का प्रतीक माना जाता है। यह पूजा के वातावरण की पवित्रता को प्रभावित कर सकता है, इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इसके बजाय, उज्ज्वल और ऊर्जावान रंग पहनना शुभ फलदायी होता है।
नौ दिनों के शुभ रंग
Shardiya Navratri के हर दिन एक विशेष रंग धारण करने की परंपरा है। आइए जानते हैं कौन-से दिन कौन-सा रंग पहनना चाहिए:
दिन शुभ रंग
पहले दिन नारंगी रंग
दूसरे दिन सफेद रंग
तीसरे दिन लाल रंग
चौथे दिन गहरा नीला रंग
पांचवे दिन पीला रंग
छठा दिन हरा रंग
सातवें दिन ग्रे
आठवां दिन बैंगनी रंग
नौवें दिन मोरपंखी रंग
नवरात्रि में रंग पहनने का लाभ
- इन नौ दिनों में शुभ रंग पहनने से:
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- पूजा का माहौल और भी पावन बन जाता है।
- मां दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
इस प्रकार, शारदीय नवरात्रि न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि रंगों की यह परंपरा हमें जीवन में उत्साह, उल्लास और ऊर्जा से भर देती है।