Side Effects of Supplements: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में लोग अकसर थकान, कमजोरी या डाइट की कमी पूरी करने के लिए मल्टीविटामिन और हर्बल सप्लीमेंट्स का सहारा लेने लगते हैं। कई बार यह ज़रूरी भी होता है, खासकर बीमारी से उबरने के बाद। लेकिन असली समस्या तब शुरू होती है जब लोग बिना डॉक्टर से पूछे ही सप्लीमेंट खाना शुरू कर देते हैं। यह आदत सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
किन दवाओं और सप्लीमेंट्स की जानकारी डॉक्टर को देना ज़रूरी है?
- हर्बल और आयुर्वेदिक सप्लीमेंट
- मल्टीविटामिन और मिनरल टैबलेट
- एलर्जी की दवाएं
- पेनकिलर
- ओवर-द-काउंटर (OTC) दवाएं
डॉक्टर को बताना क्यों है ज़रूरी?
अगर आप किसी बीमारी का इलाज करवा रहे हैं और साथ ही सप्लीमेंट्स भी ले रहे हैं तो यह जानकारी डॉक्टर को देना बेहद ज़रूरी है। वजह यह है कि कुछ सप्लीमेंट्स दवाओं के असर को कम या बदल सकते हैं जिससे इलाज अधूरा रह सकता है या फिर खतरनाक साइड इफेक्ट हो सकते हैं। कई बार यह भी देखा गया है कि मरीज अपनी मर्ज़ी से अलग-अलग कंपनियों के मल्टीविटामिन एक साथ लेने लगते हैं और यही स्थिति शरीर पर बोझ डाल देती है।
सप्लीमेंट्स कैसे असर डाल सकते हैं?
विटामिन K ब्लड थिनर दवाओं की शक्ति घटा देता है। विटामिन C और E कैंसर मरीजों में दी जाने वाली कीमोथैरेपी को कमजोर कर सकते हैं। खून जमने की समस्या वाले मरीजों में कई सप्लीमेंट्स ब्लीडिंग का खतरा बढ़ा देते हैं। हर्बल सप्लीमेंट्स भी अक्सर छुपी हुई एलर्जी को ट्रिगर कर देते हैं जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। वहीं गर्भावस्था के दौरान लिए गए कुछ सप्लीमेंट्स माँ और बच्चे दोनों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
ओवरडोज क्यों है खतरनाक?
विटामिन A की अधिक मात्रा से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। विटामिन B6 का ज्यादा सेवन नसों को नुकसान पहुंचाता है और बैलेंस बिगाड़ सकता है। वहीं विटामिन D का ओवरडोज खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा देता है जिसे हाइपरकैल्सीमिया कहा जाता है और इसका सीधा असर दिल व किडनी पर पड़ता है।
सप्लीमेंट लेने का सही तरीका और सावधानियां
Side Effects of Supplements,सप्लीमेंट तभी शुरू करें जब डॉक्टर इसकी सलाह दें और जरूरत पड़ने पर ही इन्हें लंबे समय तक लें। दवा या सप्लीमेंट के लेबल पर लिखी डोज़ और निर्देश को हमेशा ध्यान से पढ़ें। अगर आप एक से ज्यादा दवाएं ले रहे हैं तो यह जरूर जांच लें कि कहीं उनमें कोई आपसी टकराव तो नहीं है। बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सप्लीमेंट कभी भी अपनी मर्जी से नहीं देना चाहिए बल्कि केवल मेडिकल गाइडेंस में ही इस्तेमाल करना चाहिए।