Taliban warning to Pakistan अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तानी हमले की चर्चा के बीच भारत में मौजूद तालिबान विदेश मंत्री ने दी चेतावनी: “ये गलती दोहराई न जाए”
अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। काबुल में गुरुवार की रात तेज़ धमाकों के बाद यह चर्चा तेज़ है कि पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार कर हवाई हमला किया है। हालाँकि इस दावे की न तो पाकिस्तान ने पुष्टि की है और न ही अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने औपचारिक रूप से स्वीकार किया है।
अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि दक्षिण-पूर्वी प्रांत पकतीका में पाकिस्तानी हमले हुए, जिससे कई दुकानों और इमारतों को नुकसान पहुँचा। मंत्रालय ने इसे देश की संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए कहा कि अगर स्थिति बिगड़ी, तो इसके परिणामों की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान पर होगी।
पाकिस्तान की सफाई और दोहरी प्रतिक्रिया
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ़ चौधरी से जब इस कथित हमले पर सवाल किया गया तो उन्होंने न तो इसकी पुष्टि की और न ही स्पष्ट इंकार किया।
उन्होंने कहा —
“अफ़ग़ानिस्तान हमारा भाईचारा वाला पड़ोसी है। लेकिन हमने अफ़ग़ान अधिकारियों को साफ़ बताया है कि उनकी ज़मीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आतंकवाद के लिए न किया जाए। हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए जो भी ज़रूरी कदम होंगे, हम उठाते रहेंगे।”
पाकिस्तान लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि अफ़ग़ान तालिबान, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे चरमपंथी संगठनों को अपने यहां शरण देता है, जो पाकिस्तान में सुरक्षा बलों पर हमले करते हैं।
भारत में मौजूद मुत्तक़ी की चेतावनी
Taliban warning to Pakistan,इस पूरे घटनाक्रम के बीच अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्तक़ी इस समय भारत दौरे पर हैं**, जहाँ उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाक़ात की है।भारत में रहते हुए मुत्तक़ी ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा —
“पाकिस्तान को यह गलती दोहरानी नहीं चाहिए। हमारे मसले बातचीत से हल हो सकते हैं, युद्ध से नहीं।”
उन्होंने यह भी कहा कि अफ़ग़ानिस्तान अब एक स्वतंत्र और स्थिर राष्ट्र है “हमारे देश में चार दशक बाद शांति और विकास आया है। अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के हौसले को चुनौती नहीं दी जानी चाहिए। अंग्रेज़ों से पूछिए, सोवियत रूस से पूछिए, अमेरिका से पूछिए — किसी को भी यहाँ ताक़त से जीत नहीं मिली। मुत्तक़ी का यह बयान भारत में उनके दौरे के दौरान ऐसे समय आया है जब अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते सबसे नाज़ुक दौर में हैं।
तालिबान की प्रतिक्रिया: “संप्रभुता का उल्लंघन”
अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि उसने पकतीका प्रांत के मरघा इलाके में एक बाज़ार पर बमबारी की। मंत्रालय ने इसे “अभूतपूर्व और उकसाने वाली कार्रवाई” करार दिया।
हालाँकि बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय पत्रकारों ने धमाके के निशान नहीं देखे, लेकिन तालिबान बलों की भारी तैनातीवहाँ देखी गई।
भारत के लिए संकेत
मुत्तक़ी का भारत दौरा और यह बयान सिर्फ़ पाकिस्तान को चेतावनी नहीं, बल्कि एक राजनयिक संकेत भी माना जा रहा है — कि तालिबान सरकार अब खुद को क्षेत्रीय स्थिरता के एक हिस्से के रूप में प्रस्तुत करना चाहती है।
भारत के लिए यह दौरा महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान में भारत के विकास परियोजनाएँ और सुरक्षा हित दोनों जुड़े हैं।
काबुल पर कथित पाकिस्तानी हमले की पुष्टि भले किसी ने न की हो, लेकिन बयानबाज़ी और कूटनीतिक संदेशों से यह साफ़ है कि दोनों देशों के बीच अविश्वास गहराता जा रहा है।भारत में मौजूद तालिबान विदेश मंत्री का बयान इस बात का संकेत है कि अफ़ग़ानिस्तान अब खुद को एक “संप्रभु और निर्णायक शक्ति”के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।
दक्षिण एशिया की राजनीति में यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान — तीनों के लिए नई चुनौतियाँ और समीकरण खड़े कर सकता है।
By -@Priyanshu Singh Rathour