Tennis एक होनहार खिलाड़ी की दर्दनाक मौत

Tennis भारत सहित दुनिया भर में खेल प्रेमियों के लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं है। एक प्रतिभाशाली टेनिस खिलाड़ी, जिसने अपने दम पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भारत का नाम रोशन किया था, अब इस दुनिया में नहीं रही। उसे उसके ही पिता ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।
यह दिल दहला देने वाली घटना रविवार की शाम घटी, जब 24 वर्षीय खिलाड़ी अपने घर पर आराम कर रही थी। प्रारंभिक पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू विवाद के चलते यह भयानक कदम उठाया गया। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

पिता की पृष्ठभूमि और मानसिक स्थिति
पीड़िता के पिता एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी बताए जा रहे हैं, जो हाल के वर्षों में अवसाद और पारिवारिक तनाव से जूझ रहे थे। पड़ोसियों के अनुसार, उनके और बेटी के बीच अकसर कहासुनी होती रहती थी, खासकर बेटी के करियर और उसकी आज़ादी को लेकर। वह अपनी बेटी की बढ़ती लोकप्रियता और स्वतंत्रता से मानसिक रूप से असहज महसूस करते थे। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि उन्होंने कई बार बेटी को टेनिस छोड़ने का दबाव डाला था। इस मानसिक तनाव ने अंततः उन्हें इस खौफनाक कदम की ओर धकेल दिया।
उनकी खेल उपलब्धियां और संघर्ष
इस युवा खिलाड़ी का नाम हर भारतीय को गर्व से भर देने वाला था। उन्होंने मात्र 14 वर्ष की उम्र में अपनी पहली राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतकर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
- राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने कुल 6 स्वर्ण पदक जीते, जिसमें ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन (AITA) द्वारा आयोजित टूर्नामेंट्स भी शामिल थे।
- अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में, उन्होंने थाईलैंड, श्रीलंका और कजाकिस्तान में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 3 बार पोडियम फिनिश किया।
- ITF (International Tennis Federation) द्वारा आयोजित जूनियर सर्किट में वह टॉप 50 खिलाड़ियों में रहीं।
- उनका सबसे बड़ा सपना था भारत के लिए ओलंपिक में टेनिस खेलना और पदक लाना।
- उनकी कोचिंग टीम और साथी खिलाड़ी उन्हें एक मेहनती, अनुशासित और भावनात्मक रूप से मजबूत खिलाड़ी के रूप में याद कर रहे हैं। वे कहती थीं, “टेनिस मेरी जान है, और मैं इसी के लिए बनी हूं।”
न्याय की मांग और समाज में गूंज
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर शोक की लहर दौड़ गई। खिलाड़ियों, कोचों और खेल मंत्रालय के अधिकारियों ने इसे “नारी सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य” के नजरिए से एक बहुत बड़ी विफलता करार दिया।
अंतरराष्ट्रीय Tennis खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा ने ट्वीट किया:
“यह घटना मेरे दिल को तोड़ती है। वह एक मजबूत खिलाड़ी और बेहतर इंसान थी। न्याय मिलना चाहिए।”
निष्कर्ष
यह घटना न सिर्फ खेल जगत के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। एक तरफ जहां बेटियां देश के लिए खेलों में कमाल कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ घरेलू हिंसा के कारण उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ती है।
इस टेनिस खिलाड़ी की मौत हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम एक सुरक्षित और सहायक समाज की ओर बढ़ रहे हैं या फिर अब भी परिवार के भीतर ही असुरक्षा सबसे बड़ा खतरा बनी हुई है?
उनके नाम को हमेशा याद रखा जाएगा, न केवल एक खिलाड़ी के रूप में बल्कि उस आवाज़ के रूप में जो समय से पहले खामोश कर दी गई।