Vijay रामनिकलाल रूपाणी, विजय रूपाणी जी का जन्म 2 अगस्त 1956, रंगून (अब यांगून), म्यांमारपारिवारिक पृष्ठभूमि: उनके पिता रामनिकलाल रूपाणी के व्यापारिक परिवार से थे; परिवार 1960 में गुजरात के राजकोट आया ।
शिक्षा और शुरुआती राजनीतिक सफर
राजकोट के धर्मेन्द्रसिंहजी आर्ट्स कॉलेज से BA (1977) और सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से LLB (1980) पूरा किया ।
कॉलेज के दौरान ABVP से जुड़कर छात्र राजनीति में सक्रिय हुए। 1971 में RSS और जनसंघ में शामिल हुए
1976 में आपातकाल के दौरान लगभग 11 माह भुज और भावनगर के जेलों में रहे स्थानीय से राष्ट्रीय राजनीति तक का सफर वर्ष पद विवरण, 1987 नगर निगम में निगममंत्री राजकोट में निगम सदस्य बने; 1988–96 में स्टैंडिंग कमेटी अध्यक्ष रहे ।1996–97मेयर, राजकोट,शहर का महापौर चुने गए ।2006 गुजरात टूरिज़्म के अध्यक्ष,राज्य सरकार के टूरिज़्म विभाग की जिम्मेदारी मिली । 2006–12राज्यसभा सांसद केंद्र में राज्य का प्रतिनिधित्व किया।2014,राजकोट वेस्ट MLA उपचुनाव में भारी मतों से जीते और मंत्री बने ।2016 BJP गुजरात प्रदेश अध्यक्ष,फरवरी से अगस्त 2016 तक यह जिम्मेदारी निभाई ।
मुख्यमंत्री के रूप में उपलब्धियाँ
मुख्यमंत्री पद: 7 अगस्त 2016 से 11 सितंबर 2021 तक लगातार दो कार्यकाल
स्थिर नेतृत्व: संकट के समय शांत और निर्णायक बनकर सामने आएथे – इसी वजह से उन्हें ‘गुजरात की शांत शक्ति’ कहा गया ।
विकास योजनाएं:
शहरी और ग्रामीण विकास पर विशेष ध्यान।
राजकोट को औद्योगिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया
श्रमिकों के लिए “श्रमिक अन्नपूर्णा योजना” शुरू की ।
2017 में गुजरात लोकसत्ता चुनावों में BJP को प्रचंड जीत दिलवाई, जिसमें उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई।
राष्ट्रीय स्तर की मान्यता
प्रभावशाली व्यक्तित्व: 2021 में “इंडियन एक्सप्रेस” ने उन्हें भारत के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया ।
विश्वसनीय नेता: पार्टी और सार्वजनिक क्षेत्र दोनों में शांत और भरोसेमंद नेतृत्व के उदाहरण बने
व्यक्तिगत और सामाजिक पहल
पारिवारिक जीवन: पत्नी अंजलि रूपाणी, दो बच्चे – एक बेटा रुशभ, बेटी राधिका; दुर्भाग्यवश उनका छोटा बेटा पूजित बचपन में हादसे में खो दिया ।
उन्होंने “पूजित रूपाणी मेमोरियल ट्रस्ट” की स्थापना की, जो सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय है ।
निधन का दुखद समाचार
Vijay Rupani 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन उड़ान भरने वाले एआई-171 विमान में सवार थे। यह टेकऑफ़ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें उनकी दुखद मृत्यु हो गई ।

Vijay Rupani एक ऐसे नेता थे जिन्होंने सादगी, अनुशासन और विकास के साथ राजनेतिक प्रशासकीय क्षमता की मिसाल कायम की। राजकोट से गुजरात और फिर राज्य के सर्वोच्च पद तक का उनका सफर युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है। उनकी जीवन यात्रा यादगार रहेगी—एक जिम्मेदार नेता, जो हमेशा शांत, स्वस्थ और समाज की भलाई के लिए समर्पित रहे।