4 जून 2025, भारत
हर साल 5 जून को दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। यह दिन न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का, बल्कि हमारे आसपास की प्रकृति की रक्षा का संकल्प लेने का अवसर भी होता है। इस वर्ष की थीम है — “Our Land. Our Future. We are #GenerationRestoration”, जिसका उद्देश्य है भूमि संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली और जलवायु संकट से निपटना।
पर्यावरण दिवस की पृष्ठभूमि
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी और पहली बार 1974 में इसे आधिकारिक रूप से मनाया गया। यह अब एक वैश्विक अभियान बन चुका है, जिसमें 150 से अधिक देश भाग लेते हैं।
2025 में भारत की भूमिका
इस बार मेज़बान देश सऊदी अरब है, लेकिन भारत में भी इस दिवस को विभिन्न आयोजनों, वृक्षारोपण अभियानों, स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रमों और सरकारी योजनाओं के उद्घाटन के साथ मनाया जा रहा है।
पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, इस वर्ष भारत का लक्ष्य है –
10 करोड़ पौधे लगाने का
25 लाख वर्ग हेक्टेयर भूमि को पुनर्स्थापित करने का
जल संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना
पर्यावरण संकट*
वायुप्रदूषण: WHO के अनुसार, भारत के कई शहर वायु गुणवत्ता सूचकांक में सबसे नीचे हैं।
प्लास्टिक प्रदूषण: हर साल भारत में लगभग 3.5 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है।
जैव विविधता पर खतरा: शहरीकरण, जंगलों की कटाई और जलवायु परिवर्तन ने सैकड़ों प्रजातियों को संकट में डाल दिया है।
समाधान क्या है?
इस World environment day पर्यावरण को बचाना केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हम छोटे कदमों से बड़े बदलाव ला सकते हैं:
रीसायक्लिंग और पुनः उपयोग को अपनाएं
सिंगल-यूज़ प्लास्टिक से परहेज़ करें
अधिक से अधिक पौधे लगाएं
ऊर्जा और पानी की बचत करें
नवाचार और युवा भागीदारी
आज के युवा पर्यावरण जागरूकता की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं। स्टार्टअप्स से लेकर स्कूली परियोजनाओं तक, पर्यावरण को लेकर रचनात्मक पहल दिखाई दे रही है। क्लाइमेट चेंज पर काम करने वाले स्टूडेंट्स को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया जा रहा है।
प्रकृति ने हमें जीवन दिया है, और अब समय है कि हम उसका कर्ज चुकाएं। विश्व पर्यावरण दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि एक चेतावनी है — कि अगर हमने अभी नहीं संभला, तो भविष्य अंधकारमय होगा।
आइए, इस World environment day पर मिलकर प्रतिज्ञा लें:
“हम प्रकृति से जुड़ेंगे, उसे समझेंगे और उसे बचाएंगे।”